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Bhoot ki kahani
नाम क्या है तुम्हारा...... दमयंती ..... यहां कैसे आई........ वह डॉक्टर बाबू है ना ,जिन्हें सब डॉ साहनी कहते हैं, उन्होंने मुझे यहां काम पर रखा था, नर्स के तौर पर ,सभी की सेवा करने के लिए! बहुत ही भले ...
भूत प्रेतों से जुड़ी तीन सच्ची कहानियां
वह एक कुत्ता था, लेकिन कोई साधारण कुत्ता नहीं था। इसकी आँखें अलौकिक तीव्रता से चमक रही थीं। कुत्ता घायल और खोया हुआ लग रहा था, इसलिए राम और सोनू दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए सावधानी से उसके पास पहुंचे। आश्चर्यजनक रूप से, कुत्ते ने अपनी पूंछ हिलाई और उनका पीछा करने लगा।
आगे एक पहाड़ था मैंने अपनी बाइक की रफ्तार तेज़ कर दी और तेजी से मैं अपने घर आया ।
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एक लड़की थी जिसका नाम था मीरा। मीरा को पड़ना बहुत पसंद था और उसके अंदर हर चीज को जानने की इच्छा थी । क्युकी वह बहुत समजदार थी इसलिए उसके १२ कक्षा में बहुत अच्छे मक्स आए जिस वजह से उसका दाकिला ...
बच्चों को डर के मारे कुछ समझ नहीं आ रहा था। लेकिन फिरभी बे हिम्मत नहीं हारे और सब एकसाथ मिलकर बाहर निकलनेका रास्ता ढूंढने लगे। ढूंढते ढूंढते एक बच्चे को एक पुरानी किताब मिला, जो की एक जादुई किताब था। और उस किताब में एक जादुई मंत्र लिखा था जिसके उच्चारण करने से वह भुत घर से दूर भाग सकती थी।
जैसा अघोरी ने बताया औरत ने वैसे ही किया अघोरी ने पूजा पाठ संपन्न करने के बाद एक लोटा पानी । लाल सिंह के चारों तरफ घुमा कर पी लिया और चले गए। लाल सिंह दिन प्रतिदिन सही होने लगे .
बात करते-करते सुबह हो गई ।अचानक मेरी नजर दीवाल पर पड़ी तभी मेने देखा कि मेंम साहब की फोटो दीवार पर लगी हुई थी ।तब मैंने बोला कि माता जी जी यही मेमसाब थी।
बच्चों ने मिलकर उस मंत्र को पड़ना शुरू किया। अचानक से एक रोशनी घर के अंदर आई और उस भुत को साथ ले गई। भुत के घर से बाहर जातेहि घर के सारे दरवाजे और खिड़कियां अपने आप खुल गई और बच्चे दौर कर बाहर निकल आये।
Continue looking through chudail ki kahani – दूसरे राज्य की चुड़ैल और परेशान घर के लोग
बात बहुत पुरानी नही है, मै और मेरे दोस्त अपने आफिस से कुछ दिनो के लिए छुट्टी लेकर अपने तीसरे दोस्त संतोष के गांव मे […]
ठीक है अगर वो मेरे बाइक से गिरी होती तो चिल्लाती जरूर ?
वह एक रात ड्यूटी कर ही रहा था कि तभी उसने देखा कि घड़ी में दो बज गए थे। सारा प्लैटफॉर्म खाली था। तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा। गार्ड ने देखा कि वहां कोई नहीं था। वह प्लैटफॉर्म के चक्कर काटने लगा कि तभी उसे परछाई दूर जाती हुई दिखाई दी। वह परछाई एक शरीर में बदल गई और उस गार्ड के पास जाकर खड़ी हो गई। गार्ड ने पीछे मुड़कर देखा और उसके सामने रमेश खड़ा था।